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खुदा देख रहा है



ख़ुदा देख रहा है।
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धोखा कभी न देना हमको,तुम चाहे मत भी मानो,ख़ुदा देख रहा है।
कयी सहस्त्र हैं आंखें उसकी,सारे कारनामे 
ख़ुदा जान रहा है।।

ख़ुदा पास है बड़ा कम्प्यूटर, उसमें ही सब लिख जाता।
लाख मिटाना चाहे कोई, वह तो नहीं मिटा पाता।।

सदा शुक्रिया करो ख़ुदा का,मानुष तन दिया तुमको।
झूठ कभी मत बोला करना,पशु तन मिलेगा तुमको।।

बहुत न्याय -प्रिय ख़ुदा हमारा,अदय दण्ड भी देता है
अत्याचार करोगे किसी प्राणी पर,परिणाम दस गुना मिलता है।।

दान किसी निर्धन को दोगे,वह ख़ुदा सहर्ष स्वीकार करें।
बढ़ती रहेगी आय तुम्हारी,दान का फल तुरन्त मिले।।

मज़हब का भी सदा ध्यान हो, पशु-पक्षी का भी मान करो।
बोल नहीं सकते वो प्राणी, दाना-पानी सदा धरो।।

बन्य पशु तो स्वयं सक्षम है,अन्य पशुओं को मार गिराते है ।
दावत होती वहां और सब मिल-जुलकर निबटाते हैं।।

इसी से मानव बनाया ख़ुदा ने, पशु -पक्षी पर भी दया करो।
जो निष्चेष्ट गिर जाते हैं,सेवा उनकी तुरन्त करो।।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़





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